bahut sahi kaha , agar koi chup hai to kya wah samjh nahi rakhta
आभार उपासना सखी ...
नमस्कार आपकी यह रचना कल मंगलवार (08-10-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
हार्दिक आभार अरून जी
सुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।कभी यहाँ भी पधारें।सादर मदनhttp://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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हार्दिक आभार मदन मोहन जी
हमारी चुप को हमारी कमज़ोरी न समझनाहम बस दुनिया की शर्म रखते हैं..बहुत ही सुन्दर रचना..:-)
आभार रीना जी
bahut sahi kaha , agar koi chup hai to kya wah samjh nahi rakhta
ReplyDeleteआभार उपासना सखी ...
Deleteनमस्कार आपकी यह रचना कल मंगलवार (08-10-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteहार्दिक आभार अरून जी
Deleteसुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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Deleteहार्दिक आभार मदन मोहन जी
Deleteहमारी चुप को हमारी कमज़ोरी न समझना
ReplyDeleteहम बस दुनिया की शर्म रखते हैं..
बहुत ही सुन्दर रचना..
:-)
आभार रीना जी
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