bahut sahi kaha , agar koi chup hai to kya wah samjh nahi rakhta
आभार उपासना सखी ...
हार्दिक आभार अरून जी
सुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।कभी यहाँ भी पधारें।सादर मदनhttp://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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हार्दिक आभार मदन मोहन जी
हमारी चुप को हमारी कमज़ोरी न समझनाहम बस दुनिया की शर्म रखते हैं..बहुत ही सुन्दर रचना..:-)
आभार रीना जी
bahut sahi kaha , agar koi chup hai to kya wah samjh nahi rakhta
ReplyDeleteआभार उपासना सखी ...
Deleteहार्दिक आभार अरून जी
ReplyDeleteसुन्दर ,सरल और प्रभाबशाली रचना। बधाई।
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
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Deleteहार्दिक आभार मदन मोहन जी
Deleteहमारी चुप को हमारी कमज़ोरी न समझना
ReplyDeleteहम बस दुनिया की शर्म रखते हैं..
बहुत ही सुन्दर रचना..
:-)
आभार रीना जी
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