हर पल इक सदी बन गया मेरे इंतजार का
राह देखते देखते बुत गया इस शरीर का
वादा था तेरा जल्दी आने का
अगर इसी को जल्दी कहते हैं तो
देरी कैसी होगी तेरी
वक्त गुजरता जाता है
आस टूटती जाती है
लेकिन मैं नही टूटनेवाली
ये याद रखना
जब भी कभी याद आएगी मेरी
मुझे अपने दिल में ही पाओगे तुम
मेरे पल मेरी सदियाँ बस मेरी हैं
इनमें बस कभी मत झांकना
मुझे अपने दर्द को बेपर्दा होना
बहुत दर्द दे जाएगा
आपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 22/05/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
आभार यशोदा जी... जरूर देखूंगी
Deleteसुन्दर रचना. जब तक विश्वास अडिग हो कुछ भी नामुमकिन नहीं.
ReplyDeleteआभार निहार जी
Deletewah sundar rachna...isay kehte hain pyar aur vishwash
ReplyDeleteआभार रेवा जी
Deleteवाह...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!!!
अनु
आभार अनु ....
Deleteआभार ब्लॉग प्रसारण
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