बहन दूर
हाथों में राखी लिये
तकती राह
भाई सोचता
कैसे जाउं विदेश
रक्षाबंधन
सूनी कलाई
देख रहा है भाई
आंखे नम
आंखे भरी
बहन भी सोचती
कैसे जाउं
दोनो उदास
राखी भी उदास है
दूरियाँ घनी
बहना रोये
याद आये कलाई
सूनी भाई की
दूरियाँ बड़ी
परदेस की बात
कैसे सुलझे
दुआ करते
दोनो भाई बहन
तकते राखी
दूरियाँ मिटे
मिले भाई बहन
रक्षाबंधन
राखी के पावन पर्व की......शुभकामनायें :))
ReplyDeleteआभार संजय जी, आपको भी हार्दिक शुभ कामनायें
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