दिल की बातें
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कठपुतली
Monday, March 23, 2015
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
अब कौन बोयेगा धान की जगह बंदूकें
कौन रखेगा परिवार की जगह देश को आगे
फांसी को जयमाला समझ
कौन बनायेगा मौत को अपनी दुल्हन
अब तो सिर्फ स्वार्थ का राज है
और नारों में ही शहीद जिंदाबाद हैं
वन्दे मातरम्
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