काश
काश जानेवाले भी हमें याद करते
काश हम कभी उनसे बात कर पाते
काश वो देख पाते हमारे आंसू
काश वो सुन पाते हमारी चीखे
काश वो एक बार बता देते की वो कैसे हैं
काश एक बार उनका हाल पता चल जाता
काश काश काश काश बस काश
नहीं जिया जाता अब इस काश के साथ
भगवान् इतना बेदर्द क्यों है
अगर बुलाना ही होता है तो
ये रिश्ते क्यों किस लिए
क्या जिंदगी भर रोने ओर तडपने के लिए
अब ओर नहीं तडपा जाता
ओर नहीं रोया जाता
काश माँ बाप कभी किसी के ना जाये
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क्या जिंदगी भर रोने ओर तडपने के लिए
ReplyDeleteअब ओर नहीं तडपा जाता
ओर नहीं रोया जाता ......मार्मिक अभिव्यक्ति
हार्दिक आभार अनीता जी
Deleteशुभ प्रभात....
ReplyDeleteआज फादर्स डे
पितृ दिवस
नमन उनको
आज पिता सम्मान पा रहे हैं
कल किसने देखा..
और देखेगा भी कौन..
कि पिता किस हाल में हैं...
खाना गरम मिला या नहीं
... दवा समय पर मिली या नहीं
रात बिछौना का चादर बदला था या नहीं
ये तो अच्छा है कि मेरे पिता की अब स्मृति शेष है..
मैं अपने भाईयों-भाभियों को जानती-पहचानती हूँ
वे होते तो क्या हाल होता उनका
मेरा प्रणाम उनको......
अब सुखी तो हैं वो
क्षमा....
हकीकत लिख गई
सादर
यशोदा
http://4yashoda.blogspot.in/2013/06/blog-post_15.html
हार्दिक आभार यशोदा जी
Deletesach me padh kar dill bhar aayaa..
ReplyDeleteआभार मधु सखी
Deleteवो दिल की आँखो से देख रहे हैं,
ReplyDeleteहमारे दिल की बातों को सुन रहे हैं,
हमारे आंसू बता रहे हैं कि वो हमें याद करते हैं,
हम अच्छे हैं तो वे भी अच्छे हैं,
आप सदा मुस्कुराएं तो वे मुस्कुरायेंगे,
आपकी इस प्यारी मार्मिक रचना के लिए बधाई !
आभार माथुर जी
Deleteअद्भुत ,
ReplyDeleteअनूठा ,
अनुपम काव्य .... !
आभार संजय जी
Deleteअगर वो कुछ जरा सा कह पाते
ReplyDeleteहम फिर कहाँ आज में जी पाते
कपिल कुमार
बेल्जियम
सही कहा आपने कपिल जी 🙏🏻
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