Friday, May 31, 2013

औरत का ज़माना



  


अब सजूंगी मैं खुद के लिये

ये दुनिया मेरा हौंसला

मेरा दिल

मेरे अरमान

मेरे सपने

मेरी उम्मीदें

कुछ नही तोड़ सकती

अब मैने जीना सीख लिया है

ये मर्दों की दुनिया नही

अब औरत का ज़माना है

और ये मुझे

सब को बताना है

हर औरत को

ये सब समझाना है


3 comments: