एहसास
शब्द नहीं हैं मेरे पास
बस कुछ एहसास हैं
जिन्हें तुम कभी भी
समझ नहीं पाओगे
तुम्हे सिर्फ
शब्दों की भाषा
या
नोटों की भाषा समझ आती है
और ये दोनों
मेरे पास नहीं
नोट तो आयेंगे नहीं
मेरे पास
नोटों का और मेरा
छतीस का आंकड़ा है
उम्मीद करती हूँ
शायद कभी मुझे
बोलना आ जाये
वरना अधुरा ही रह जाएगा
हमारा ये टूटा बिखरा
अधूरा रिश्ता |
एहसास नहीं समझ पाते नोट की भाषा समझने वाले ... सच की कहा है ... ऐसों के सामने एहसास नहीं खोलने चाहियें ...
ReplyDeleteआभार दिगम्बर जी
Deleteवरना.....
ReplyDeleteअधूरा ही रह जाएगा
हमारा...
ये टूटा......
और बिखरा....
अधूरा रिश्ता
सुन्दर......अप्रतिम
सादर
सादर यशोदा जी
Deleteअहसास अपने आप में सशक्त बोल होते हैं जिन्हें दिल के द्वारा सुना जा सकता है!
ReplyDeleteसुन्दर चित्रण !!!
आभार दी पी माथुर जी
Deleteआभार माथर जी
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ReplyDeleteवाह . बहुत उम्दा
ReplyDeleteआभार मदन मोहन जी
DeleteJ
ReplyDeleteजीवन में अभिव्यक्ति बेहद जरूरी है उसके बिना कोई भी किसी भी सूरत में सुकून नहीं पा सकता.
ReplyDeleteजीवन में अभिव्यक्ति बेहद जरूरी है उसके बिना कोई भी किसी भी सूरत में सुकून नहीं पा सकता.
ReplyDeleteJ
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रमा जी
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