मेरी वफाओं से बेवफा बने तुम
मेरी सदाऐं ही तुम्हें बावफा बनाऐंगी
जितना चाहे रूला लो मुझे
ये आंसू ये आहें मेरी
तुम्हारा दिल भी चीर जाऐंगी
तड़पोगे एक दिन तुम भी मेरे लिये
जब मेरी यादें तुम्हारा चैन उड़ाऐंगी
मैने तो सिवा वफा के कुछ और न मांगा था
तुम इतने तंगदिल निकले
तुम इतना भी दिया न गया
मैने तो जिंदगी सौंप दी थी तुम्हे
तुम इतने लापरवाह निकले
हमें जिंदगी से ही बेदखल कर दिया तुमने
चिंता अपनी नही तुम्हारी है अब भी
जब तुम छोटा सा दिल न संभाल पाए मेरा
खुद को कैसे संभालोगे
दुआ करूंगी तुम्हारे लिये
तुम्हे इतनी समझ आ जाए बस
फरक कर सको अपने और पराए में
इस जालिम दुनिया से खुद को बचा लो तुम
जहां रहो खुश रहो
मेरी हर दुआ में सदा रहोगे तुम
Behad marmik rachna sakhi....
ReplyDeleteधन्यवाद उपासना सखी .......दिल से .....
Deleteहर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteहमेशा की तरह ये पोस्ट भी बेह्तरीन है
हार्दिक धन्यवाद संजय जी .......
Deleteबहुत सुंदर..एक शेर याद आ रहा है कि
ReplyDeleteहम बावफा थे इसलिए नजरों से गिर गए
शायद तुम्हें तलाश किसी बेवफा की थी ।।
आभार महेंद्र जी ....
Deletewahhhhhhhhhhhhhh
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा तुम्हे देख कर आनंदी ......स्वागत और आभार
Deleteये कुछ अलेहदा सा ख्याल हैं अतिरंजित स्नेह,,, बधाई
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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