अच्छे इंसान को कोई नहीं पूछता
बुरे की जै जैकार होती है
अच्छाई दिखती नहीं किसी को
बुराई चमक दमक से भरी होती है
शराब बेचने वाला कब कहीं जाता है
उसकी दुकान ग्राहकों से भरी रहती है
दूध बेचने वाला घर घर जाता है
उसके खुद के बच्चे दूध को तरसते हैं
आज के दौर में झूठ बिकता है
और सच कोने मे पड़ा सिसकता रहता है
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31-12-2015 को चर्चा मंच पर अलविदा - 2015 { चर्चा - 2207 } में दिया जाएगा । नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ
ReplyDeleteधन्यवाद
हार्दिक आभार
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ReplyDeleteबेहतरीन और उम्दा प्रस्तुति....आपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं...HAPPY NEW YEAR 2016...
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सादर आभार
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