Sunday, May 10, 2015

माँ की याद



   दूर हूँ पर दिल पास है
मिलने की ही आस है
आंखे भरी हैं आंसूंओ से
दिल माँ तुम्हारे पास है
काश पंख होते तो उड़ आती
सीने से लग खूब आंसू बहाती
बहुत याद आती हो माँ
तुम्हे याद कर सब दुख भूल जाती हूँ माँ
नहीं जानती कब मिलूंगी तुमसे
परदेसी बिटिया तुम्हारी आज बहुत उदास है
काश कहीं से तुम आ जाती
थोड़ा डांटती ज्यादा प्यार करती
काश माँ काश ये सपना सच हो जाता
मेरा दिल भी खुश हो जाता
तुम्हारे हाथ से खाती फिर से रोटी
बन जाती फिर मैं पहले जैसी छोटी
तुम बहुत याद आती हो माँ
आ जाओ सपनो में ही
कुछ सूकून मिल जाये सपनों में ही
बहुत रोती है तुम्हारी बेटी तुम्हारी याद में
क्या तुम्हे कभी मेरी याद नहीं आती

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