Thursday, August 14, 2014

मेरा देश आजाद है



आज देश आज़ाद है मेरा
फिर क्यों दिल उदास है मेरा

देखी नहीं जाती सड़कों पर तबाही
क्यों सुरक्षित नहीं अपने ही देश में नारी 

उन मासूम बच्चियों का कसूर क्या है
जिन्हे पैदा होने से पहले ही मिल जाती मौत की सजा है

हर घर में बेकारी है
हर कोने में सिसकती नारी है
ये कैसी आज़ादी है

उन मासूमों का क्या कसूर 
जिन से बाल श्रम करवाया जाता है
स्कूल की जगह उन से दिन रात काम करवाया जाता है

हर तरफ क्यों फैलता जा रहा आंतक है
क्यों हम अपने ही देश में आज़ाद 'गुलाम' हैं

हर ओर इक सहमी सी खुशी है
कौन जानता है मौत किस कोने में छुपी है




11 comments:

  1. हार्दिक आभार यशोदा जी

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  2. बहुत ही सार्थक प्रस्तुति। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  3. सार्थक प्रस्तुति

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  4. सटीक प्रश्न

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  5. उम्दा सार्थक प्रस्तुति ... जय hind

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  6. बहुत सुन्दर रचना ..बधाई सखी

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