जा
मेरे मन के पंख लगा कर उड़ जा
मेरे मन का संदेसा उन तक पहुंचा आ
कहना उनसे मेरे मन की हर बात
बताना उन्हें मेरे दिल की हर याद
सुनाना उन्हें मेरे दिल की हर धडकन की बात
दिखाना उन्हें मेरी आँख का हर आंसू
बताना उन्हें मेरी तन्हाई की हर बात
देखना कहीं कुछ भूल न जाना
याद रखना मेरी आहों को
याद करवाना उन्हें उनके वादे की बात
दिखाना उन्हें इस चांद को और
बता देना मेरी हर रात के सन्नाटो की बात
कुछ भूल जाए अगर तो इस चांद से पूछ लेना
ये गवाह है मेरी हर बात का
तुझे कसम है आज जरुर पहुँचाना
उन तक मेरे मन की बात |
बहुत सुंदर सन्देश
ReplyDeleteधन्यवाद आशा
Deleteअपनी कसम दी है...संदेसा पहुंचा समझो....
ReplyDeleteऔर ऐसा प्यारा सन्देश????
स्वागत की तैयारियाँ करिये..
अनु
आभार अनु ....
Deleteबहुत बढ़िया .....मन से मन को राह होती है जरुर पहुँच गयी होगी
ReplyDeleteआभार उपासना सखी
Deleteदिल की बात किस्से कही आपने रमाजय जी ....?
ReplyDeleteबादलों से , हवा से या मुझ से ....:))
बहुत अच्छी नज़्म .....
बधाई !!
धन्यवाद हरकीरत जी ....जो समझ जाये उसे ही कही है दिल की बात ....
Deleteबहुत बढ़िया रमा जी .
ReplyDeleteहार्दिक धयवाद अरुणा सखी ....
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