Saturday, May 5, 2012

परी











   काश मै कोई परी होती
   मन के पंख लगा कर
  सारे जहाँ में उड़ती
  किसी को रोने न देती
  किसी की भूखा न रहने देती 
   हर बच्चे को प्यार देती 
   लालची को बहुत सताती 
   हर भिखारी को अमीर 
    और हर लूटेरे को 
     भिखारी बनाती
     किसी को तड़पने न देती 
     कोई प्यार के लिए न रोता 
     कोई बिन प्यार के न मरता 
     हर सपना पूरा करती 
     कोई खुशियों के लिए न
     कोई पैसे के लिए 
     कोई माँ बाप के लिए  
    कोई पति के प्यार के लिए 
    किसी को न तरसने देती 
    किसानो को भी रोटी मिलती 
     फूलों से रंग देती दुनिया को 
      काश मै परी होती 
     

12 comments:

  1. Really Heart Touching...

    Kash m Pari hoti to Duniya m koi dukhi nahi hota jadu ki chaddi guma dukh dur kar deti ....

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  2. पर ये परी खुशियाँ तो अब भी बाँट रही है

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  3. E! Pari mere paas bhi aana.....:(
    Mujhe bhi bahut kuch chahiye tumse..........

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  4. यह परी आप में पहले मौजूद है मेरी नजर में तो ...

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  5. काश मै कोई परी होती
    किसी को तड़पने न देती
    कोई प्यार के लिए न रोता
    कोई बिन प्यार के न मरता
    हर सपना पूरा करती
    Wow ,,,,,,,,,,

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  6. वाह!!! बहुत ही उम्दा नायाब कामयाब रचना.. खूबसूरत एहसास का शब्दांकन रमा....

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