Tuesday, April 17, 2012
चाँद
चाँद फिर आ गया
नींद तो आई नहीं
कोई सपना भी लायी नहीं
एक दिन और गुज़र गया
जिन्दगी भी गुज़र जाएगी
वो चाँद कब आएगा
जो तुम्हे भी लायेगा
हवाएं लोरी सुनाएंगी
लहरे गुन्गुनायेंगी
सपने भी प्यारे होंगे
बस साथ सितारे होंगे
क्या ये सपना पूरा होगा
क्या ऐसा चाँद आएगा
झींगुर भी गीत गायेगा
मन का मीत संग लायेगा ........चाँद
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wo chan bhi aayega ......bahut sundar
ReplyDeletedhanywad Upasna sakhi......bas usi chand ka to intzaar rehta hai.....
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ReplyDeleteThanks Deepak ji
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