दिल की बातें
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परिचय
कठपुतली
Friday, March 30, 2012
मन का मयूर
सागर का किनारा हो
साथ तुम्हारा हो
लहरो का शोर हो
मन का मयूर हो
हाथो मे हाथ हो
और कोइ न पास हो
इक दूजे का साथ हो
अनजाने अहसास हों
ऐसा वक्त हो तो
और जिंदगी मे क्या चाहिए
2 comments:
संजय भास्कर
March 31, 2012 at 4:44 AM
अति सुन्दर लिखा है
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रमा शर्मा, जापान
March 31, 2012 at 9:37 PM
धन्यवाद संजय जी
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अति सुन्दर लिखा है
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी
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