Friday, March 30, 2012

मासूम इच्छा

भोला सा चेहरा

कौतुहल से भरी आंखे

पेट मे लगी भूख

न गर्मी की परवा

न सर्दी का डर

कपड़े फटे हुए

नाक भी बहता सा

घुटने पर कोइ चोट

पर वो इन सब से

अनजान बेपरवाह

सामने देख रहा एकटक

एक बच्चा रोटी खा रहा था

2 comments:

  1. ..............खूबसूरत रचना
    पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ

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    1. हार्दिक धन्यवाद ..... संजय जी

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