फूलों में दिल छुपा कर लायी हूँ
ख्याल रखना इसका
आपने ठुकराया तो
फूल मुरझा जायेंगे सब
और दिल टूट जायेगा
आप ही मालिक हैं
इस दिल के
और आप ही माली हैं
इस बगिया के
ख्याल रखना जरा
दोनों ही नाज़ुक हैं
फूल तो और खिल जायेंगे
दिल कहाँ से आएगा दूसरा
माली को अपनी बगिया का
और
मालिक को दिल का ख्याल हो
तो कभी
न कभी कोई फूल मुरझाये
न कभी किसी का दिल टूटे
ji haan ... dono hi najuk hain.. bade najuk... khayaal rakhna jaruri hai.. phool to fir se khil bhi jayen.. magar dil... toot gaya to ...
ReplyDeleteDhanyawad Pravesh ji.....aap ne sahi kaha hai....
ReplyDeleteजैसे खिला फूल, मुरझाने के बाद नहीं खिलता वैसे ही दिल के साथ होता है ,बहुत अच्छी कविता है बिलकुल आपके जैसी ..........
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद उपासना सखी.... आपके प्यार का और सराहना का
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