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Friday, November 11, 2016

समय




जिसने समय की बात मानी
समय ने उसकी कब कद्र जानी
कचरा कर कचरे में डाला उसे
वोही बचा जिसने समय की बात मानी
रावण हो या कंस
राख हुये सब के अभिमान
कहे कृष्ण या कहे राम
बच सके कभी किसी का अभीमान.......रमा

6 comments:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति डॉ. सालिम अली और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

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  2. यथार्थ का बयाँ करती रचना।शुभकामनाएं आदरणीया रामायण जी।

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