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Monday, August 29, 2016

औरत और फुलझड़ी



औरत की जिंदगी
एक फुलझड़ी बस
दो घड़ी की खुशी नहीं
जला कर स्वंय को
कर जाती है खुश सभी को
अपने लिये कहाँ सोचती
जब सोचती सबका सोचती
खुद जलती पर 
कर जाती खुश सभी के

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