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Tuesday, May 17, 2016

आज की औलाद



     आज का सच

जिन्हे जीवन माना 
पल पल जिये मरे 
वो ही औलाद बड़ी होकर 
छोड़ देती है 
पल पल जीने मरने को
कौन समझता दर्द बूड़ो का
जब अपना समय आता है
तो गुज़रा जमाना याद आता है
याद आती हैं तब गलतियाँ अपनी
पछताना ही तब किस्मत बन जाता है
गर समय पर दे दो आदर बड़ों को
देखो समय आपको कितना आदर दिलवाता है

2 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 18-05-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2347 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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