दिल की बातें
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कठपुतली
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Sunday, May 15, 2016
शबनम
रात के अंधेरे मे
छलक जाते हैं
जब मेरे आंसू
सुबह सब उन्हे
शबनम समझ
मुस्कुरा देते हैं
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