दिल की बातें
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कठपुतली
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Tuesday, December 15, 2015
अंतिम इच्छा
रोना नहीं है
पर मुस्कुराना भी नहीं
खुशियाँ बाँट देनी हैं सब
पर खाली हाथ उपर जाना भी नहीं है
और नहीं कुछ तो
प्यार ही बटोर कर ले जाना है
4 comments:
कविता रावत
December 15, 2015 at 6:25 AM
सच प्रेम ही बचा रहता है इस नश्वर जहाँ में। .
बहुत सुन्दर
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रमा शर्मा, जापान
December 16, 2015 at 11:27 AM
हार्दिक आभार
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Asha Joglekar
December 17, 2015 at 4:05 PM
Wah!
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रमा शर्मा, जापान
July 4, 2016 at 11:20 AM
हार्दिक आभार आशा जी
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सच प्रेम ही बचा रहता है इस नश्वर जहाँ में। .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
हार्दिक आभार
DeleteWah!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आशा जी
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