दिल की बातें
Pages
परिचय
कठपुतली
Sunday, November 30, 2014
शतरंज
शतरंज
मिलने बिछड़ने की बात अब पुरानी हो गयी
हर नयी डगर जीवन की पुरानी हो गयी
लोग चलते रहे बाजियों पर बाजियां
हमारी तो आदत बस मात खानी हो गयी
हम मात देने से डरते रहे जीवन भर
शतरंज ही जीवन की इक कहानी हो गयी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment