औरत क्या है
एक कठपुतली
भगवान् के हाथ की
कभी किसी इंसान के हाथ की
शायद
इंसान के हाथ की
कौन है जो कठपुतली नहीं समझता
औरत को
कौन है जो नचाना नहीं चाहता
औरत को
बस नाचते रहो
नाचते रहो
नहीं नहीं नहीं
अब कठपुतलियों का समय ख़तम
अब औरत का समय आ गया
सावधान
अब जिसने कठपुतली समझा
औरत उसे नाको चने चबवा सकती है
अब वो कठपुतली नहीं
अब वो इंसान है
उसे जीना आ गया है
ज़ुल्म करनेवालों को मूह तोड़ जवाब देना
आ गया है
अब वो औरत है
कठपुतली नहीं
bilkul sahi baat
ReplyDeleteहार्दिक आभार उपासना जी
Deleteab wo ak ourat hai
ReplyDeleteआभार अनु
DeleteBahut sahi baat kahi aapne
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