रिश्ते
जब दिल भर गया
ठुकरा दिया
जब ज़रूरत हुई
अपना लिया
कैसा रिश्ता है
जिसे जब चाहा
जैसे चाहा
अपने अनुसार
बदल लिया
रिश्ते बदले कैसें
जुड़े होते हैं ये
दिल से
आत्मा से
रूह से
आजकल का चलन
बदल गया
रिश्तों के मायने
बदल गए
दिल ,आत्मा ,रूह
सब बिक गए
दौलत जीत गयी
रिश्ते हार गए
अंत में हारना तो रिश्तों को ही होता है
ReplyDeleteमार्मिक रचना
आभार मीना
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