गजरा
देख लो लगा लिया तुम्हारा लाया गजरा मैंने
खुशबू अब भी वैसी की वैसी है
अब नहीं रूठुंगी कभी तुमसे
आज ये कसम लेती हूँ दिल से
जैसे ये गजरा महकता है मेरा
सदा महकेगा प्यार भी तेरा
मै जानती हूँ कितना भी रूठ लू तुमसे
तुम फिर से गजरा लाकर मना लोगे मुझे
इसीलिए मुझे रूठना अच्छा लगता है
तुम तब गजरा लाते हो और लगा देते हो बालो में
बिना कुछ बोले ही मना लेते हो मुझे
सोचती हूँ कभी मै रूठी और तुम्हे गजरा न मिला तो
क्या फिर भी मना लोगे मुझे बिना बोले
या मै इंतज़ार ही करती रह जाउंगी तुम्हारी |
"GAJRA"PYAR KI KHUSHBOO BHIKHERTI SUNDER BHAW LIYE KHOOBSURAT RACHNA.
ReplyDeleteआभार अमर जी
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