Monday, April 2, 2012

दीवानगी

देवता भी तुम्ही
मंदिर भी तुम्ही
तुम पत्थर हो तो
हैरानी क्या है
पूजा भी तुम्ही
अराधना भी तुम्ही
तुम न सुनो पुकार तो
परेशानी क्या है
चाहत भी तुम्ही
प्यार भी तुम्ही
तुम्हे हो अभिमान तो
तुम्हारी नादानी क्या है
हम तो दीवाने हैं
बस तेरे चाहने वाले हैं
तुझे समझ न आये तो
हमारी दीवानगी क्या है
सलामत रहो जहां रहो
कुछ न मांगेगे कभी
ये वादा भी है तुझसे
अब तुझे गुमान हो जाए तो
तेरी गलती क्या है
कल भी तेरा इंतज़ार था
आज भी तेरी उम्मीद है
अगर दम निकल जाए तो
किसी को परेशानी क्या है
यही तो दीवानगी है
तू समझ जाए तो
फिर दीवानगी क्या है




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