दिल की बातें
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Saturday, August 15, 2015
जीवन बहता पानी
बहते पानी के साथ बहना है
यही जिंदगी का कहना है
जो थम गया वो काई बन गया
जो चलता रहा वो जीवन बन गया...रमा
2 comments:
संजय भास्कर
August 29, 2015 at 4:54 AM
Congratulations
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रमा शर्मा, जापान
November 26, 2015 at 6:35 PM
हार्दिक आभार
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Congratulations
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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