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Saturday, June 15, 2013

माँ बाप

काश

काश जानेवाले भी हमें याद करते

काश हम कभी उनसे बात कर पाते

काश वो देख पाते हमारे आंसू

काश वो सुन पाते हमारी चीखे

काश वो एक बार बता देते की वो कैसे हैं

काश एक बार उनका हाल पता चल जाता

काश काश काश काश बस काश

नहीं जिया जाता अब इस काश के साथ

भगवान् इतना बेदर्द क्यों है

अगर बुलाना ही होता है तो

ये रिश्ते क्यों किस लिए

क्या जिंदगी भर रोने ओर तडपने के लिए

अब ओर नहीं तडपा जाता

ओर नहीं रोया जाता

काश माँ बाप कभी किसी के ना जाये


 

12 comments:

  1. क्या जिंदगी भर रोने ओर तडपने के लिए
    अब ओर नहीं तडपा जाता
    ओर नहीं रोया जाता ......मार्मिक अभिव्यक्ति

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  2. शुभ प्रभात....
    आज फादर्स डे
    पितृ दिवस
    नमन उनको

    आज पिता सम्मान पा रहे हैं
    कल किसने देखा..
    और देखेगा भी कौन..
    कि पिता किस हाल में हैं...
    खाना गरम मिला या नहीं
    ... दवा समय पर मिली या नहीं
    रात बिछौना का चादर बदला था या नहीं
    ये तो अच्छा है कि मेरे पिता की अब स्मृति शेष है..
    मैं अपने भाईयों-भाभियों को जानती-पहचानती हूँ
    वे होते तो क्या हाल होता उनका
    मेरा प्रणाम उनको......
    अब सुखी तो हैं वो
    क्षमा....
    हकीकत लिख गई

    सादर

    यशोदा
    http://4yashoda.blogspot.in/2013/06/blog-post_15.html

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  3. sach me padh kar dill bhar aayaa..

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  4. वो दिल की आँखो से देख रहे हैं,
    हमारे दिल की बातों को सुन रहे हैं,
    हमारे आंसू बता रहे हैं कि वो हमें याद करते हैं,
    हम अच्छे हैं तो वे भी अच्छे हैं,
    आप सदा मुस्कुराएं तो वे मुस्कुरायेंगे,
    आपकी इस प्यारी मार्मिक रचना के लिए बधाई !

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  5. अद्भुत ,
    अनूठा ,
    अनुपम काव्य .... !

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  6. अगर वो कुछ जरा सा कह पाते
    हम फिर कहाँ आज में जी पाते
    कपिल कुमार
    बेल्जियम

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