दिल की बातें
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Tuesday, October 2, 2012
कैसी मुहब्बत
आईना
ये कैसी मुहब्बत
खुदा जाने
आईने और पत्थर की
खुदा जाने
पत्थर ने टुकड़े किये आईने के
और
आईने ने हर टुकड़े में देखा उसे कैसे
खुदा जाने
1 comment:
रमा शर्मा, जापान
October 2, 2012 at 8:26 AM
थैंक्स गजाला ....कौन समझ पाया इस मुहब्बत को ...
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